मलिन बस्तियों पर सियासत-उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य में अतिक्रमण के मुद्दे पर गरमाई सियासत।
देहरादून- उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य में अतिक्रमण के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। दअरसल एनजीटी के आदेश के बाद देहरादून नगर निगम और एमडीडीए ने रिस्पना किनारे बसी बस्तियों में सरकारी भूमि पर चिन्हित करीब पांच सौ मकानों को नोटिस देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस सूची में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनको एक हफ्ते के भीतर खुद मकान ढहाना होगा। इसके बाद दोनों महकमे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेंगे। इसके लिए निगम ने जिला प्रशासन और पुलिस को पत्र लिखकर फोर्स मांगा है।
आपको बता दें कि एमडीडीए और नगर निगम की टीम ने बीते दिनों सर्वे कर रिस्पना किनारे 525 मकान चिन्हित किए थे। यहां अधिकतर मकान 11 मार्च 2016 के बाद बनाए गए हैं, जिनको अवैध निर्माण की श्रेणी में रखा गया है। एनजीटी ने दोनों ही महकमों को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है.वहीं राज्य में मलिन बस्तियों के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की मांग की है। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश कर रही है। जबकि सरकार की मंशा बस्तियों पर कार्रवाई करने की नहीं है।