गैरसैंण में आयोजित मानसून सत्र को लेकर सरकार को घेरने को कांग्रेस तैयार,क्षेत्रीय विधायक ने गैरसैंण में सत्र आयोजित करने के लिए जताया सरकार का आभार।
उत्तराखंड- उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि का ऐलान कर दिया गया है। 21 अगस्त से 23 अगस्त के बीच उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित किया जाएगा। खास बात ये है कि मानसून सत्र उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होने जा रहा है। सत्र के आयोजन को लेकर जहां कांग्रेस का कहना है कि कांग्रेस पूरी रणनीति के साथ सरकार को सदन में घेरने के लिए तैयार है। तो वहीं सत्ता पक्ष का भी कहना है कि विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को सरकार तैयार है।
उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 21 अगस्त से 23 अगस्त के बीच आयोजित होगा। सबसे खास बात ये है कि सत्र का आयोजन ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होने जा रहा है। गैरसैंण में उत्तराखंड के कई विधायकों को ठंड लगती है। ऐसे में मानसून सीजन के दौरान विधायकों को भले ही गर्मी के मौसम में ठंड का ऐहसास होने से मौसम सुहाना लगे लेकिन सत्र के आयोजन के दौरान बारिश हुई तो ठंड लगने वाले विधायकों को मुश्किलें हो सकती हैं।
सत्र में सरकार को घेरने को कांग्रेस तैयार⤵️
विपक्ष का कहना है कि सत्र की अवधि बेहद कम है और विपक्ष के पास मुद्दों की भरमार है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि विधायकों के द्वारा 500 से ज्यादा सवाल लगाए गए हैं। वहीं प्राकृतिक आपदाओं के साथ केदारनाथ धाम के साथ कई ऐसे ज्वलंत मुद्दे हैं जिनको लेकर विपक्ष सरकार से सदन के भीतर आक्रामक रूप के साथ सवाल करेगी।
विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार तैयार⤵️
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरीके से तैयार है। बस विपक्ष की विधायक नियमों के तहत सवाल पूछे। इसके साथ ही उन्होंने जहां तक कम दिनों की सत्र की अवधि का सवाल है तो सरकार के पास सदन चलाने के लिए जितना कामकाज है सरकार उसी अनरूप समय तय करती है।
क्षेत्रीय विधायक ने सरकार का किया आभार व्यक्त⤵️
गैरसैंण के क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल के द्वारा गैरसैंण में सत्र आयोजित करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि जिन विधायकों के द्वारा गैरसैंण में बजट सत्र आयोजित करने को लेकर ठंड का बहाना बनाया गया था और सत्र आयोजित नहीं हो पाया था। लेकिन ये एक सकारात्मक पहल सरकार की है कि जो सत्र को ग्रीष्मकालीन राजधानी में आयोजित करने जा रही है।