प्रदेश में इस वर्ष सरकारी विभागों में तैनात कार्मिकों को वार्षिक स्थानांतरण के लिए इंतजार करना पड़ेगा। इसका मुख्य कारण लोकसभा चुनाव है। इसके लिए बड़ी संख्या में सरकारी कार्मिकों की ड्यूटी लगती है। आचार संहिता लगते ही सरकारी कर्मचारी इसमें जुट जाएंगे। ऐसे में चुनाव के परिणाम आने और आचार संहिता प्रभावी रहने तक स्थानांतरण प्रक्रिया प्रभावित रहेगी।
प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार ने स्थानांतरण नीति-2017 प्रख्यापित की हुई है। इस नीति के तहत विभागों को अपने यहां 31 मार्च तक सुगम व दुर्गम स्थलों का चिह्नीकरण करना है। एक अप्रैल तक शासन से लेकर विभागीय स्तर पर स्थानांतरण समितियों का गठन होना है। 15 अप्रैल तक रिक्तियों की सूचना और 20 अप्रैल तक आवेदन आमंत्रित किए जाने हैं।अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण के आवेदन की तिथि 15 मई रखी गई है। 20 मई को समितियों की बैठक और 10 जून तक स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी की जानी है।
इस वर्ष लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय चुनाव से संबंधित व्यवस्था में जुटे हैं। इसके लिए विभागीय स्तर पर भी नोडल अधिकारी बनाए जाने हैं। आचार संहिता लगने के बाद तकरीबन पूरी मशीनरी चुनावी मोड में आ जाएगी। ऐसे में स्थानांतरण प्रक्रिया का निर्धारित समय अवधि के अनुसार होना संभव नहीं है। यह प्रक्रिया चुनाव के बाद ही शुरू हो सकेगी। स्थानांतरण की बाट जोह रहे कार्मिकों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक आनंद बर्द्धन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के कारण स्थानांतरण प्रक्रिया में समय लग सकता है।