जानकारी के मुताबिक इस गिरोह के सदस्यों के खातो में करोडो रुपये के ट्रान्जैक्शन हुई जो ऑनलाइन सट्टे में प्रयोग किये जा रहे थे। पुलिस ने बैंक खातो को सीज करते हुए उसमें जमा कुल 925000/-रूपये की धनराशि को फ्रीज करा दिया है।
कैसे पकड़े गए आरोपी
दरअसल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को आई0पी0एल0 मैचो में ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले अर्न्तराष्ट्रीय गिरोह की सूचना मिली थी जिसके बाद एसएसपी देहरादून ने क्षेत्राधिकारी मसूरी के नेतृत्व में थाना राजपुर पर अलग-अलग पुलिस टीमों का गठित की और पुरूकुल रोड के किनारे स्थित एक फ्लैट में दबिश दी जिसके बाद आई0पी0एल0 मैचो में ऑनलाईन सट्टा लगा रहे 9 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों के नाम सिराज मेमन (पुत्र अब्दुल फरीद निवासी सिविल लाइन निकट साई मंदिर जिला दुर्ग थाना सिविल लाइन छत्तीसगढ़ उम्र- 26 वर्ष), सौरभ (पुत्र जानकी राम निवासी आसाराम बापू के आश्रम के सामने गली नंबर 2 जिला चिलवाड़ा उम्र- 23 वर्ष), विवेक अधिकारी (पुत्र इंद्र अधिकारी निवासी कोरबा थाना एक्सल जनपद कोरबा छत्तीसगढ़ उम्र- 20 वर्ष), लोकेश गुप्ता (पुत्र सीताराम निवासी पीपल चौराहा थाना करोड़ मध्य प्रदेश उम्र- 29 वर्ष), सोनू कुमार (पुत्र उपेंद्र सिंह निवासी मिन्ह कॉलेज थाना औरंगाबाद जनपद औरंगाबाद बिहार उम्र 23 वर्ष), मोनू (पुत्र हरीश निवासी अंबिकापुर थाना माली जनपद सरगुआ छत्तीसगढ़ उम्र- 24), विकास कुमार (पुत्र हरेंद्र निवासी क़र्ज़ा जनपद मुजफ्फरपुर बिहार उम्र 33 वर्ष), शिवम (पुत्र अरुण निवासी थाना टिकरापारा जनपद रायपुर छत्तीसगढ़ उम्र 23 वर्ष), शत्रुघन कुमार (पुत्र राजकुमार निवासी जीवन नाथ थाना सरैया जनपद मुजफ्फरपुर बिहार उम्र 21 वर्ष) बताया गया है। मौके पर पुलिस टीम ने उनके कब्जे से आनलाईन सट्टा लगाने में इस्तेमाल किये जा रहे कुल 8 लैपटॉप, 50 मोबाइल फोन और अन्य इलैक्ट्रॉनिक समान बरामद किए है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ऑनलाइन सट्टे का पूरा नेटवर्क दुबई से शुभम नाम का व्यक्ति चलाता है और देहरादून में सट्टे का काम सिराज मेनन देखता था। आरोपी मोबाईल फोन के जरिये ऑनलाइन सट्टे की साइट, लेजर, टाइगर तथा ऑल पैनल पर जाकर आँनलाईन सट्टा खिलवाते है और लोगों से पैसे लेकर बुकी का काम करते है। आनलाईन सटटे की साइटों की आई0डी0 एंव लिंक अभियुक्तों को शुभम, निवासी छत्तीसगढ़ के द्वारा मोबाइल फोन के जरिये उपलब्ध करायी जाती है। शुभम द्वारा पैसे लेकर अभियुक्तों को सटटे के ऑनलाइन प्वांइन्टस उपलब्ध कराये जाते है, जिन्हें आरोपियों ने आगे लोगो को ऑनलाइन बेचकर उनसे पैसे लेकर सट्टा खिलवाते थे। जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो जाता है। सटटे की सारी धनराशि ऑनलाईन गूगल पे के माध्यम से ली जाती है।
अपराध करने का तरीका
आरोपी ऑनलाईन सट्टा खेलने वाले ग्राहकों को एक लिंक भेजते जिसे क्लिक करते ही उन्हें एक नंबर मिल जाता फिर उस नंबर को व्हाट्सएप से लिंक करके ग्राहक से संपर्क करते और सटटा खिलाने में तीनो ग्लोबल साइटों में से ग्राहक द्वारा चयनित की गई साइट के माध्यम से उसे व्हाट्सएप के जरिए डिपाजिट स्लिप उपलब्ध कराते हैं जिसमें बैंक की डिटेल दी जाती है और बैंक खातों मे ही पैसो का लेनदेन होता है। पेमेंट साइट के बाद ग्राहक की आईडी जेनरेट होती हैं और पासवर्ड ग्राहक को उपलब्ध कराया जाता हैं तथा उसके बाद ग्राहक द्वारा गूगल क्रोम के माध्यम से ग्लोबल साइट को खोलकर ऑनलाइन सट्टा लगाया जाता है। धनराशि जीतने पर ग्राहक व्हाटसएप के माध्यम से आरोपी से सम्पर्क करते फिर एक ऑनलाइन विड्रॉल फार्म भरवाकर पैसे उनके खाते में ट्रांसफर किये जाते थे।
बता दें कि एसएसपी देहरादून ने इस गिरोह को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को ₹10000/- के पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।