हल्द्वानी: दिल्ली निवासी छात्रा ने मां को फोन करने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी। जब मां ने दिन में फोन किया तो फोन नहीं उठा। उधर शाम को साथियों ने उसके कमरे का दरवाजा तोड़ा तो शव को फंदे से लटके पाया। पीजी स्वामी ने पुलिस को फोन किया। इसके बाद पुलिस ने शव को फंदे से निकाला और सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया। उधर पुलिस पड़ताल कर रही है कि छात्रा ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया।
अशोकनगर ज्योतिनगर दिल्ली निवासी नवनीत (22) पुत्री अनिल कुमार टेढ़ी पुलिया काठगोदाम स्थित एनटीटीआई में पढ़ाई करती थी और उसी क्षेत्र में पीजी पर रहती थी। पुलिस के मुताबिक बुधवार की सुबह नवनीत ने दिल्ली में अपनी मां के पास फोन किया और कहा, उसकी तबीयत ठीक नहीं है तो वह आज कॉलेज नहीं जाएगी। उसी दोपहर मां ने तबीयत के बारे में पता करने के लिए नवनीत को दोबारा फोन किया, लेकिन कई कॉल के बाद भी फोन नहीं उठा।
जिसके बाद उन्होंने पीजी के मालिक को फोन किया तो उनका भी फोन नहीं उठा। कुछ देर बाद पीजी मालिक की पत्नी पता करने गई तो नवनीत की कमरा अंदर से बंद पाया। यह देख वह वापस लौट गईं। शाम को जब पीजी में रहने वाली अन्य छात्राएं मौके पर पहुंची तो भी कमरा बंद था। उन्होंने दरवाजा खटखटाया और जब अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो दरवाजा तोड़ दिया। अंदर नवनीत का शव फंदे से लटक रहा था। काठगोदाम थानाध्यक्ष विमल मिश्रा ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। पता किया जा रहा है कि नवनीत ने ऐसा क्यों किया।
स्किल डेवलॉपमेंट कोर्स करने आई थी
दिल्ली से नवनीत हल्द्वानी स्किल डेवलॉपमेंट कोर्स करने आई थी। काठगोदाम थाने के एसआई फिरोज ने बताया कि छात्रा आठ महीने पहले यहां कोर्स करने आई थी। कहा कि दो महीने में कोर्स पूरा हो जाता। कहा कि पूछताछ में छात्रा ने फांसी क्यों लगाई इसका पता नहीं चल पाया है।