उत्तराखंड- उत्तराखंड शिक्षा विभाग में अटैचमेंट को लेकर जहां कई सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के कड़े रूप के बाद शिक्षा महानिदेशक नहीं ऐसा आदेश जारी किया है,जो अब शिक्षकों के भी चर्चा का विषय बन गया है,कि क्या अब विभाग शिक्षक और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने जा रहा है।
उत्तराखंड शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का खेल हर सरकार में खेला गया हो, लेकिन हर सरकार में अटैचमेंट को लेकर सवाल भी उठाते रहे है,गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षक और कर्मचारी अटैचमेंट करवाते हैं, साथ ही कई ऐसे शिक्षक और कर्मचारी भी होते हैं,जो बीमारी का बहाना बनाकर अटैचमेंट करा लेते हैं,या सत्ता तक जिनकी पहुंच होती है वह अटैचमेंट करा लेते हैं,लेकिन अब शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों को अटैचमेंट की जगह अनिवार्य सेवानिवृत्ति न दिये जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों से नाराजगी जारी किया जिसके बाद शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान के द्वारा आदेश जारी किए गए हैं कि 3 दिन के भीतर गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया जाए, ताकि जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षक और कर्मचारी हैं जिनकी वजह से पढ़ाई प्रभावित हो रही है या विभाग का काम प्रभावित हो रहा है उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जा सके।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और शिक्षा विभाग का कड़ा रुक अटैचमेंट को लेकर देखने को मिल रहा है ऐसे में उम्मीद की जा रही है,कि इस बार सरकार अटैचमेंट के बहाने गंभीर बीमारी का बहाना दिखाने वाले शिक्षकों को या तो अनिवार्य सेवा निवृत्ति देगी या फिर अटैचमेंट खारिज करेगी,लेकिन राजकीय शिक्षक संगठन का कहना है कि अटैचमेंट के खेल में यदि किसी शिक्षक ने गलत तथ्य प्रमाणित किए हैं तो ऐसे शिक्षकों के खिलाफ जांच के साथ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जो शिक्षक वास्तव में गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति नहीं दी जानी चाहिए।
उत्तराखंड में यूं तो कई विभागों में अटैचमेंट का खेल खेला जाता है लेकिन शिक्षा विभाग में जब भी अटैचमेंट का मामला उठना है तो सवाल काफी गंभीर हो जाते हैं इसलिए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत इस बार अटैचमेंट पर सख्त नजर आ रहे हैं ऐसे में देखना यही होगा कि आखिरकार जब अटैचमेंट को लेकर रिपोर्ट शिक्षा मंत्री को प्राप्त होगी और गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों का बुरा भी उनके पास होगा तो क्या फिर वास्तव में अनिवार्य सेवा निवृत्ति किए जाने पर शिक्षा मंत्री मोहर लगाते हैं और जिन्होंने गलत मेडिकल बनवाकर अटैचमेंट पाए हुए हैं उन शिक्षकों पर क्या कोई कार्रवाई होती है।