देहरादून। धामी सरकार के बजट में महिला कल्याण के साथ सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया गया है। इसे लेकर सरकार ने ‘पोषण, शिक्षण और प्रशिक्षण’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को पोषण देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत प्रविधान किया है। इसके साथ ही बालिकाओं को शिक्षित बनाने के बाद प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाएगा
सरकार ने कोशिश की है कि प्रदेश को लैंगिक असमानता से मुक्ति मिले और प्रदेश की महिलाएं स्वस्थ, शिक्षित और सशक्त हों। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 30 प्रतिशत महिला आरक्षण को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अलावा महिला एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिका का मानदेय बढ़ाकर सरकार की ओर से उन्हें प्रोत्साहित किया गया है।
प्रदेश की बालिकाओं को समुचित शिक्षा देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बालिका छात्रवृति समेत विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। नंदा गौरा योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर और 12वीं कक्षा के बाद दी जा रही सहायता राशि भी बालिकाओं की शिक्षा एवं बेहतर भविष्य में काफी मददगार साबित हो रही है। बालिकाओं को शिक्षा प्रोत्साहन के लिए साइकिल देने की भी बजट में व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के तहत बच्चों को दो दिन अंडा और दो दिन केला चिप्स उपलब्ध कराया जा रहा है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभकारी है। वहीं मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत गर्भवती व धात्री महिलाओं को सप्ताह में दो दिन अंडा एवं खजूर देकर महिला स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।