देहरादून। उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में छात्राओं के एक हॉस्टल की वार्डन ने चीफ वार्डन पर छेड़खानी का आरोप लगाया है। प्रबंधन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो छात्र-छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया। परिसर में हंगामे के बाद हाईवे पर जाम लगाने का भी प्रयास किया लेकिन पुलिस ने स्थिति को संभाल उन्हें अंदर भेजा। इसके बाद पीड़ित वार्डन ने चीफ वार्डन के खिलाफ थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटना बुधवार की बताई जा रही है। आरोप है कि दोपहर में महिला वार्डन को चीफ वार्डन ने एक कमरे में ले जाकर उनके साथ छेड़खानी की। इसकी शिकायत उन्होंने प्रबंधन से की लेकिन तत्काल कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद महिला वार्डन ने यह बात हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को बता दी।
छात्राओं के माध्यम से धीरे-धीरे यह बात पूरे यूनिवर्सिटी परिसर में फैल गई। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन का आह्वान करते हुए एक मैसेज अपने सोशल मीडिया ग्रुप पर डाल दिया। छात्रों का कहना था कि रविवार तक भी चीफ वार्डन के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। इससे नाराज छात्र प्रदर्शन करने लगे। परिसर में तोड़फोड़ करने पर भी प्रबंधन के लोग सामने नहीं आए तो छात्र सड़क पर उतर आए। नंदा की चौकी के पास हंगामा करते हुए सड़क जाम करने का प्रयास किया। लेकिन, समय रहते पुलिस फोर्स पहुंची और जैसे-तैसे छात्र-छात्राओं को वापस परिसर में भेजा। बाहर से गेट पर ताला जड़कर किसी को बाहर नहीं आने दिया गया। इसके बाद प्रबंधन ने महिला वार्डन को समझाते हुए चीफ वार्डन के खिलाफ तहरीर देने को कहा।
महिला ने चीफ वार्डन जोगेंद्र चंद के खिलाफ तहरीर दी। इस पर प्रेमनगर थाने में छेड़खानी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुसार जिस वक्त महिला ने इसकी शिकायत की थी, तभी मामले में अंदरूनी कमेटी ने जांच की। इसके बाद चीफ वार्डन को सस्पेंड कर दिया गया। छात्र इस बात से नाराज थे कि उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. राजेश बहुगुणा ने बताया कि शिकायत आने के बाद ही चीफ वार्डन को सस्पेंड कर दिया गया था। मामले में जांच कराई जा रही है। छात्रों ने हंगामा किया था। उन्हें सड़क पर जाम नहीं लगाने दिया गया। महिला वार्डन की शिकायत पर चीफ वार्डन के खिलाफ प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।