अल्मोड़ा। अल्मोड़ा में अब महिलाएं बिच्छू घास के रेशों से धागा, कपड़े, आभूषण सहित अन्य उत्पाद तैयार कर आत्मनिर्भर बनेंगी। ताड़ीखेत की महिलाओं को बिच्छू घास के रेशों से उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राष्ट्रीय रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान कोलकाता के वैज्ञानिकों ने इसकी भावी योजना तैयार की है ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
ताड़ीखेत में नेटल ग्रास यानि बिच्छू घास से रेशा निकालकर इससे उत्पाद तैयार करने के लिए महिला समूहों का गठन किया गया है। परियोजना के तहत ताड़ीखेत और भिकियासैंण की 100 से अधिक महिलाओं को बिच्छू घास के रेशों से धागा, कपड़ा, बैग, आभूषण, गत्ता व अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के जिला परियोजना प्रबंधक राजेश मठपाल ने बताया कि महिलाओं को रेशों से धागा तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके लिए बीते दिनों राष्ट्रीय रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान कोलकाता के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एएन राव और डॉ. शांतनु ने यहां आकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया था। अब महिलाओं को तैयार धागे से अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बता दें कि बीते दिनों डीएम ने रीप के जिला परियोजना प्रबंधक को समय-समय पर वैज्ञानिकों का भ्रमण करानेे की व्यवस्था कर महिलाओं की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फाइबर यूनिट के लिए जरूरी मशीनों की खरीद के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।