यमकेश्वर। गरुड़ चट्टी में स्थित मां गंगा के तट पर संचालित शराब के ठेके से साधु संतों में भारी आक्रोश उत्पन्न हो रखा है, वह जमकर इसका विरोध कर रहे है। इसी कड़ी में 23 अप्रैल को साधु- संत ब्राह्मण समाज द्वारा इसका विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर इस बात की सूचना दी जाएगी। गंगा तट पर शराब का ठेका खुलने से न केवल साधु- संत बल्कि आम जन मानस भी इस बात से परेशान है। साधु संत और ब्राह्मण समाज द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा है। इसी संबंध में संतों द्वारा कहा गया कि इस बात का मुद्दा मुख्यमंत्री के संज्ञान में आना चाहिए, व साधु संत ब्राह्मण समाज मुख्यमंत्री से मिलकर इस संबंध में उन्हें ज्ञापन देंगे।
साधु- संतों ने आगे कहा कि जितने भी बार व असमाजिक तत्व इन स्थानों पर बने हुए है, इन सभी को बंद करा देना चाहिए। यह समाज के लिए भी खतरे का संकेत है। संतों का कहना है कि मां गंगा की पवित्रता को वह इस तरह से दूषित होता नहीं देख सकते, इसके लिए उन्हें जितने भी कड़े कदम उठाने पड़ेंगे वह उठाएंगे। इसके गौरव की रक्षा करना ब्राह्मण समाज का कर्तव्य है, और यदि इस कर्तव्य को पूरा करने के लिए हमें बलिदान भी देना पड़ा, तो वह भी देंगे।
साधु संतों का कहना है कि जिस गंगा तट पर लोग अपने पित्रों का आशीर्वाद लेते है, जप- तप करके शुद्धीकरण का वातावरण बनाते है, उस स्थान को इन असामाजिक तत्वों ने दूषित कर दिया है। साधु संतों ने आगे कहा कि कुछ लोग धन के लालच में अंधे हो चुके है, जिससे उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। जिस पावन तट पर लोग पिंड दान, तर्पण कर पित्रों को याद किया जाता है, वहां पर इस तरह की हरकतें की जा रही है, जो आज एक शर्मनाक विषय बना हुआ है।