रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से तुंगनाथ के लिए रवाना हो गई है। पहले दिन डोली गांव के पास भूतनाथ मंदिर में विश्राम के लिए पहुंची। इस दौरान भक्तों के जयकारों के साथ क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। 26 अप्रैल को तुंगनाथ के कपाट विधि विधान एवं शुभ लग्नानुसार के साथ आम श्रद्धालुओं के खोले जाएंगे। सोमवार सुबह 8 बजे मठापति राम प्रसाद मैठाणी की अगुवाई में वेदपाठी और तीर्थ पुरोहितों ने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की भोग मूर्तियों की विशेष पूजा-अर्चना कर महाभिषेक किया।
जिसके बाद शीतकालीन गर्भ गृह से भगवान तुंगनाथ की मूर्तियों को मंदिर परिसर में लाया गया। मूर्ति को विग्रह उत्सव डोली में विराजमान कर श्रृंगार किया गया। मक्कूमठ के स्थानीय ग्रामीणों ने भगवान तुंगनाथ को चावल, पूरी पकोड़ी का अर्घ्घ लगाया। 10 बजे भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली ने मक्कूमठ मार्केडेय मंदिर की तीन परिक्रमा करने के बाद तुंगनाथ के लिए प्रस्थान किया। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने नृत्य कर भक्तों को दर्शन एवं आशीर्वाद दिया। स्थानीय वाद्य यंत्रों एवं भक्तों के जयकारों के साथ डोली भूतनाथ मंदिर पहुंची। डोली मंगलवार को भूतनाथ मन्दिर से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। 26 अप्रैल को से डोली चोपता से प्रस्थान कर अपने धाम पहुंचेगी।
इसी दिन 10.50 बजे भगवान तुंगनाथ के कपाट पौराणिक विधिविधान एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इस मौके पर डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, मंदिर समिति के प्रबंधक बलवीर नेगी, प्रकाश मैठाणी, हरि बल्लभ मैठाणी, विजय भारत, विनोद मैठाणी, चन्द्रमोहन बजवाल, प्रधान विजयपाल नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य जयवीर सिंह नेगी आदि मौजूद