देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीएमएस रोड स्थित एक होटल में गढ़वाल संभाग के अनुसूचित जाति जनप्रतिनिधि सम्मेलन में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने अनुसूचित, दलित और वनवासी समाज के लिए अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता का जो मंत्र दिया था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उसका प्रसार पूरे देश में हो रहा है। पंडित दीनदयाल के अन्त्योदय के सिद्धांत के आधार पर समाज के अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति जब सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा तो वह अंत्योदय से राष्ट्रोदय का समय होगा। उन्होंने कहा कि रामनाथ कोविंद और फिर श्रीमती द्रोपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद पर आसीन होना उनके द्वारा देखे गए स्वप्न का साकार होना है। छत्तीसगढ़ के नामित मुख्यमंत्री भी आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का बेहतरीन सम्मान भी है। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार अनुसूचित समाज का मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनुसूचित समाज का भी अहम योगदान रहा है। आज तक जनजातीय समाज के राष्ट्र निर्माण में किए गए योगदान की जानकारी से देश को अंधेरे में रखा गया और अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में बताया गया। परंतु आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश जाग चुका है और अब कोई भी इसकी संस्कृति और इतिहास के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सरकारों में अनुसूचित, दलित और जनजातीय समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी थी तथा इस समाज के व्यावसायिक हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 2014 के बाद से देश में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुसूचित, दलित, शोषित और आदिवासी समाज के विकास के लिए कई नये प्रयोग किए। आज चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र हो, अनुसूचित, दलित और जनजातीय समाज के हितों का ध्यान रखकर ही देश व प्रदेश की सरकारें अपनी समस्त योजनाएं बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पिछले नौ वर्षों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लोगों के लिए कई ऐसी योजनाओं को लागू किया है, जिनसे समाज के ये वर्ग विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें। हर साल एससी और एसटी के कल्याण के लिए आम बजट में जहां आवश्यक बढ़ोतरी की गई, वहीं उनकी आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थित को मजबूत करने के लिए कई बड़े फैसले भी लिए गए। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत उन गांवों को आदर्शों गांवों में विकसित किया गया, जिनकी आबादी में 50 प्रतिशत जनसंख्या एससी और एसटी वर्ग की थी। उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना, हर घर नल से जल सहित अन्य योजनाओं में गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी वहीं आयुष्मान योजना द्वारा इस वर्ग का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों के बाद कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया गया। देश के अंदर अकेला जम्मू कश्मीर ही एक ऐसा राज्य था, जिसके यहां अनुसूचित जाति, जनजाति के निवासियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं होता था। धारा-370 हटते ही आरक्षण का लाभ उन लोगों को प्राप्त होने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम का मंदिर भव्य स्वरूप लेने लगा है। आज हर घर में प्रभु श्री राम मंदिर के शुभारंभ के निमंत्रण पहुंचने लगे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ये पावन मंदिर श्री राम भक्तो के लिए खुलने जा रहा है। जिस दिन प्रधानमंत्री ने राम मन्दिर का भूमि पूजन किया उसका पहला प्रसाद अपने दलित भाई महावीर के परिवार को मिला। सामाजिक समरसता में विश्वास रखने की हमारी परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अनुसूचित, दलित और जनजातीय समाज के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा समर्पित भाव से कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि देश की आजादी के अमृत काल में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश और प्रदेश अपने अमृत संकल्पों को पूर्ण करने में अवश्य सफल होगा और विश्व गुरु भारत का परचम संपूर्ण विश्व में लहराएगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, विधायक दुर्गेश्वर लाल, भूपालराम टम्टा, शक्ति लाल शाह, राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रप्रयाग श्रीमती अमरदेई शाह, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर आर्य, पूर्व विधायक सुरेश राठौड़, देशराज कर्णवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।