देहरादून: साल 2024 उत्तराखंड में आचार संहिता के नाम रहने वाला है। अभी छह जून तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी रहेगी, इसके बाद जून में ही निकाय चुनावों की भी आचार संहिता लागू हो सकती है। जबकि सितंबर तक दो विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव और फिर नवंबर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी होने हैं।
इससे राज्य में विकास कार्य प्रभावित हो सकते हैं। उत्तराखंड में 16 मार्च से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है, हालांकि प्रदेश में मतदान सम्पन्न हो चुका है फिर भी लोकसभा चुनाव आचार संहिता मतगणना के बाद छह जून तक प्रभावी रहेगी।
इस बीच प्रदेश में निकाय चुनाव की उल्टी गिनती भी शुरू हो चुकी है, जून अंत या जुलाई शुरुआत तक निकाय चुनाव होने की संभावना है। इस कारण लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद निकाय क्षेत्र में फिर आचार संहिता लागू हो जाएगी, जो करीब एक महीने तक लागू रह सकती है।
इस बीच प्रदेश में मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा के लिए भी उपचुनाव होने हैं। उक्त उपचुनाव सितंबर से पहले कराए जाने हैं, इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों के जिलों में फिर करीब एक महीने के लिए आचार संहिता लागू होगी। जबकि इस साल के अंत में हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है।
पंचायतीराज विभाग इसके लिए परिसीमन का काम प्रारंभ कर चुका है। इस तरह यदि पंचायत चुनाव तय समय पर हो पाए तो नवंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इस तरह साल 2024 के ज्यादातर महीने आचार संहिता के नाम रहेंगे।