देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने योग गुरु बाबा रामदेव की दवा कंपनी पतंजलि के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। ऐसा कंपनी की ओर से अपने उत्पादों के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए किया गया है।
पतंजलि आयुर्वेद के दिव्य फार्मेसी के जिन उत्पादों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, दिव्य ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपीिग्रट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईिग्रट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं। गौरतलब है कि पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान रामदेव, कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और कंपनी को फटकार लगाई थी। रामदेव और बालकृष्ण ने माफी भी मांगी थी।
पतंजलि फूड्स को जीएसटी बकाया के लिए कारण बताओ नोटिस
पतंजलि फूड्स को जीएसटी खुफिया विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें कंपनी से यह बताने को कहा गया है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए। 26 अप्रैल को कंपनी की ओर से नियामक को दी गई जानकारी के अनुसार, उसे जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से मिले नोटिस में यह भी कहा गया है कि कंपनी पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।
हरिद्वार के औषधि निरीक्षक/ जिला आयुर्वेदिक एवम यूनानी अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि संबंधित फर्म द्वारा वांछित सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई तथा फर्म द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके अलावी संबंधित फर्म ने मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक विज्ञापन प्रसारित कराए हैं, इसलिए ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1945 की धारा 159 (1) के प्रावधानों के अनुसार तत्काल प्रभाव से सूचीबद्ध दवाओं के उत्पादन पर रोक लगाई जाती है। पतंजलि अयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी को इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए तीन महीने का समय भी दिया गया है।