Haldwani: आदि कैलास और ओम पर्वत की यात्रा 13 मई से शुरू होने जा रही है। यात्रा का संचालन करने वाली एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के पास आज भी प्रशिक्षित गाइड नहीं हैं। इसलिए यात्रा मार्ग में गाइड करने की जिम्मेदारी निगम के कुक, ड्राइवर और क्लर्क सहित अन्य कर्मचारियों को दी गई है। दुर्गम पहाड़ों पर यात्रा के दौरान कोई मुश्किल आई तो ये फैसला भारी पड़ सकता है।
आदि कैलास तक सड़क बनने और प्रधानमंत्री के दौरे के बाद यहां पहुंचने वालों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। केएमवीएन के सहयोग से ही इस बार 488 लोग आदि कैलास दर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा निजी एजेंसियों से यात्रा करने वालों की संख्या भी सैकड़ों में है। ऐसे में यात्रा मार्ग पर गाइडों का महत्व भी बढ़ गया है।
मानसून काल में तो प्रशिक्षित गाइड और जरूरी हो जाते हैं। लेकिन केएमवीएन के पास ऐसा एक भी गाइड नहीं है। पर्यटन विकास अधिकारी नैनीताल मोहन तिवारी ने बताया की यात्रा में ‘गाइड’ का कार्य निगम के कर्मचारी करेंगे। इसमें कोई, कुक है तो कोई चालक। सबके पास यात्रा मार्ग का काफी अनुभव है।
टनकपुर से भी होगी यात्रा
इस बार आदि कैलास की यात्रा टनकपुर से भी कराई जाएगी। इसके लिए केएमवीएन ने तैयारी शुरू कर दी है। 18 मई से पहली बार यात्रियों को टनकपुर से यात्रा कराने पर विचार किया जा रहा है। यात्री लोहाघाट में लंच करने के साथ मायावती आश्रम का भी भ्रमण करेंगे।
“हमारे पास अनुभवी कर्मचारी हैं। हम उनको ही गाइड के तौर पर यात्रियों के साथ भेजते हैं। हमने गाइड का काम करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है।”….
विजय नाथ शुक्ल, जीएम, कुमाऊं मंडल विकास निगम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद बढ़ा क्रेज
अक्तूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आदि कैलास पहुंचे थे। तब से देश- दुनिया के लोगों में यहां पर आने का क्रेज बढ़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने तब जोलिंगकांग से आदि कैलास पर्वत के दर्शन और पार्वती कुंड पहुंचकर पूजा-अर्चना की थी।
आठ दिन की होगी यात्रा
आदि कैलास यात्रा काठगोदाम से शुरू होगी। पहले दिन यात्री जागेश्वर जाएंगे और रात को पिथौरागढ़ में ठहरेंगे। उसके बाद धारचूला से गुंजी और फिर नाभिढांग जाएंगे। वहां से ओम पर्वत के दर्शन करेंगे। उसके बाद जोलिंगकांग से आदि कैलास पर्वत के दर्शन करेंगे। यह यात्रा आठ दिन की होगी।