खलंगा पेड़ कटान- वन क्षेत्र को बचाने को लेकर तमाम सामाजिक, राजनीतिक, व जन संगठन कर रहे हैं पुरजोर विरोध।
देहरादून: शहर में लगातार विकास कार्यों के नाम पर पेड़ कटान किया जा रहा है। इसी क्रम में शहर में जलापूर्ति को लेकर खलंगा वन क्षेत्र पर जलाशय निर्माण को लेकर करीब 2000 पेड़ कटान किए जाने हैं। इस वन क्षेत्र को बचाने को लेकर तमाम सामाजिक, राजनीतिक, व जन संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस हीरा सिंह बिष्ट व कांग्रेस के मीडिया समन्वयक राजीव महर्षि भी खलंगा पहुंचे और वन कटान का विरोध किया। उनका कहना है कि वन मानव जीवन को सुरक्षित संरक्षित रखने की जगह है। खलंगा में पेड़ों को काटने की साजिश रची जा रही है जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पेड़ पर्यावरण को बचाने के साथी ऑक्सीजन देने का काम भी करते हैं, लेकिन सरकार विकास के नाम पर पेड़ों पर आरी चला रही है। उन्होंने कहा कि तमाम जन संगठन, सामाजिक संगठनों की ओर से इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो उसके लिए आंदोलन भी किए जाएंगे। वहीं स्थानीय निवासी सिंधुजा का इसको लेकर कहना है कि हमने प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान को देखा है और यह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का ही नतीजा है। फिर एक बार ऐसा किया जा रहा है। हमारी जनप्रतिनिधियों से अपील है कि ऐसा ना किया जाए।