देहरादून। बद्रीनाथ-केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए अब वीआईपी को 300 रुपये देने होंगे। कपाट खुलने के साथ ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। अभी तक दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं था। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ समिति (बीकेटीसी) की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया। बीकेटीसी के कैनाल रोड स्थित कार्यालय में अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। जिसमें पहली बार बद्रीनाथ व केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए वीआईपी को 300 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया। अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस पर समिति लंबे समय से विचार कर रही थी।
तिरुपति बालाजी, श्री वैष्णो देवी, श्री महाकालेश्वर व श्री सोमनाथ मंदिर में पूजा, दर्शन की व्यवस्था व प्रबंधन के अध्ययन के लिए हाल ही में समिति के चार दल भेजे थे। दलों की रिपोर्ट के आधार पर बीकेटीसी ने बद्रीनाथ व केदारनाथ मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले सभी तरह के वीआईपी से विशेष दर्शन व प्रसाद के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये शुल्क निर्धारित किया है। आम श्रद्धालु इसमें शामिल नहीं होंगे। वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत ही यह शुल्क लिया जाएगा। बताया कि बुकिंग कराने वाले के संबंध में मंदिर समिति के पास प्रोटोकाल आएगा। जिसके बाद समिति संबंधित की स्लिप तैयार करेगी व एक कर्मचारी उन्हें दर्शन कराएगा। इस व्यवस्था पर समिति विशेष तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि मंदिरों को मिलने वाले दान व चढ़ावे की गिनती के लिए पारदर्शी व्यवस्था रहेगी। दोनों धामों में पारदर्शी शीशे के हट बनाकर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बोर्ड बैठक में आगामी यात्रा को लेकर भी विस्तृत कार्य योजना को स्वीकृति दी गई।
बीकेटीसी में आईटी संबंधी कार्यों को मजबूती देने के लिए स्वयं की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई गठित की जाएगी। बीकेटीसी के अस्थायी कार्मिकों के भविष्यगत लाभों को संरक्षित करने के लिए उन्हें ईपीएफ की सुविधा दी जाएगी। बैठक में बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, कृपा राम सेमवाल, वीरेंद्र असवाल, राजपाल जड़दारी, भास्कर डिमरी, आशुतोष डिमरी, जय प्रकाश उनियाल, पुष्कर जोशी, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी रमेश रावत, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, कार्याधिकारी रमेश तिवारी आदि उपस्थित रहे।
अभी तक वीआईपी को दर्शन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन व बीकेटीसी आदि अपने-अपने तरीके से दर्शन व्यवस्था संभालते हैं। बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि बीकेटीसी के कार्मिक प्रोटोकॉल की व्यवस्था देखेंगे। इसके तहत दर्शन के लिए आने वाले वीआईपी को बीकेटीसी के कार्मिक ही मंदिरों में दर्शन कराने व प्रसाद वितरण की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे वीआईपी सुविधा के नाम पर अव्यवस्था उत्पन्न नहीं होगी। बैठक में आगामी बजट को बोर्ड के समक्ष रखा गया। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बजट प्रस्तुत किया। आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 76,25,76,618 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया। बद्रीनाथ अधिष्ठान के लिए 39,90,57,492 करोड़ व केदारनाथ अधिष्ठान के लिए 36,35,19,126 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित है।
बजट में विगत वर्ष की 65,53,11,583 करोड़ की आय के मुकाबले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 94,26,23,042 करोड़ रुपये की प्रस्तावित आय का लक्ष्य रखा गया है। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मंदिर के लिए जो भी दान व चढ़ावा श्रद्धालु देते हैं, उसे बीकेटीसी के वेतनधारी पुजारी व कर्मचारी ग्रहण नहीं करेंगे। पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिक श्रद्धालुओं को दान-चढ़ावे को दान पात्र में डालने को प्रेरित करेंगे। ऐसा ना करने पर कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
बीकेटीसी में स्थिर वेतन पर जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात दीपक रावत व एक अस्थायी महिला कार्मिक कमला को लंबी अवधि से अपने कार्यस्थल से अनुपस्थित रहने पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है। केदारनाथ धाम में आगामी यात्रा काल की शुरुआत में दानदाताओं के सहयोग से 100 किलोग्राम का एक अष्टधातु का त्रिशूल स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ के जीर्णशीर्ण सभा मंडप का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा। वहीं, बोर्ड बैठक में बीकेटीसी ने विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में वर्तमान में बंद पड़ी आयुर्वेदिक फार्मेसी को दोबारा शुरू कर विभिन्न उत्पाद तैयार करने का निर्णय लिया। इससे बीकेटीसी की ओर से संचालित आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों को प्रैक्टिकल की सुविधा भी मिलेगी।