विकासनगर। यदि आप चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं और दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से सफर कर रहे हैं तो सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि कालसी में पिछले दो वर्ष से पुश्ता टूटने से नेशनल हाईवे (एनएच) धंसा हुआ है। इस स्थान पर हाईवे काफी संकरा है। जुड्डो व लखवाड़ बैंड तक हाईवे ज्यादा बदहाल स्थिति है। ऐसे में चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की इस हाईवे पर सफर करने में दिक्कतें बढ़नी तय है। यह हालत तब है, जब फरवरी 2023 में एनएच के अधिकारी और एआरटीओ संयुक्त निरीक्षण कर हाईवे की खामियां चिह्नित कर चुके हैं।
पछवादून में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे की शुरूआत हरबर्टपुर से होती है। हाईवे के किलोमीटर 17 पर कालसी में काली माता मंदिर के समीप दो वर्ष से पुश्ता धराशायी होने के कारण मार्ग संकरा हो गया है। जिससे हमेशा दुर्घटना की आंशका बनी रहती है। किमी 18 पर भी पुश्ता टूटा है और पुलिया संकरी है। वहीं, बैराटखाई की ओर जाने वाले मार्ग के जंक्शन प्वांइट पर पुल की रेलिंग टूटी हुई है। जुड्डो क्षेत्र में हाईवे काफी खस्ताहाल है। व्यासी झील के किनारे से होकर गुजर रहा हाईवे जगह-जगह धंसा हुआ है। झील किनारे पर कई जगह क्रश बैरियर या पैराफिट भी नहीं हैं, जहां पर हैं, वे भी क्षतिग्रस्त हो रखें हैं। सड़क किनारे पर बरसात में आया मलबा साफ नहीं किया गया है।
इसी क्षेत्र के किलोमीटर 24 पर क्रश बैरियर, पैराफिट, ब्रेस्ट वाल और रिटर्ननिंग वाल के निर्माण की जरूरत महसूस की जा रही है। सड़क धंसने से टूटी हुई है। पहाड़ से पत्थर भी गिरते हैं। जिनके रोकथाम को भी अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। किलोमीटर 26 पर बहने वाले पानी की रोकथाम को भी उचित प्रबंध नहीं किए गए हैं। हाईवे पर चार पुल सिंगल लाइन हैं। मार्ग पर लगाए गए माइल स्टोन भी अपठनीय हैं। एनएच निर्माण खंड देहरादून ने ‘मार्ग क्षतिग्रस्त है’ के बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। कालसी से यमुना ब्रिज तक हाईवे की बदहाल स्थिति दूर नहीं की गई है, जिससे यात्रा के दौरान हादसे का खतरा बना रहता है। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जुड्डो क्षेत्र में व्यासी परियोजना की झील किनारे रोड पर लगाए गए क्रश बैरियर कुछ इस हालत में हैं।
चेयरमैन जगमोहन सिंह चौहान का कहना है कि दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सावधान के बोर्ड लगाकर अधिकारियों ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। राजमार्ग पर कालसी से लखवाड़ बैंड तक सफर परेशानी भरा है। कहीं पर सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हैं तो कहीं पर दुर्घटना रोकने के लिए लगे क्रश बैरियर क्षतिग्रस्त होकर व्यासी परियोजना की झील में समा रहे हैं। कहने को तो यह राष्ट्रीय राजामर्ग है, लेकिन बदहाल स्थिति संपर्क मार्ग जैसी है। उन्होंने एनएच अधिकारियों से राष्ट्रीय राजमार्ग की दशा सुधारने की मांग की है। ताकि तीर्थयात्रियों का सफर सुगम हो सके।