त्रिजुगीनारायण से भी किया जा रहा है केदारनाथ धाम के रास्ते में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू।
रुद्रप्रयाग-केदारनाथ और उसके रास्ते में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन में लगातार चुनौतियां आ रही हैं। पैदल मार्ग के किनारे नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण अब रेस्क्यू टीम को नए विकल्प की तलाश में पहाड़ी की ओर भेजा गया है।
इस बीच, त्रिजुगीनारायण से ऊपर तोसी गांव में 8 से 10 यात्रियों के फंसे होने की जानकारी सामने आई है। इस सूचना के बाद एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को मौके की ओर रवाना किया गया है। केदारनाथ और उसके पैदल रूट पर अब भी डेढ़ से दो हजार के आसपास लोग फंसे बताए जा रहे हैं। इनमें यात्रियों के अतिरिक्त पंडे-पुरोहित, दुकानदार और घोड़े-खच्चर वालों समेत स्थानीय लोग भी शामिल हैं। पिछले चार दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बीच- बीच में कई तरह की चुनौतियां भी आ रही हैं। एसडीआरएफ के अनुसार, केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग के किनारे नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण अब वहां से रेस्क्यू करना संभव नहीं है।
अब तक नदी के किनारे-किनारे भी यात्रियों को निकाला जा रहा था। नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद एसडीआरएफ ने शनिवार सुबह पहाड़ी मार्ग से सुरक्षित रेस्क्यू की संभावना तलाशने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की एक टीम को रवाना किया।वहीं दूसरी ओर, मनकुटिया और सोनप्रयाग के बीच जोखिमभरी खड़ी पहाड़ी से एसडीआरएफ ने दोपहर तक 300 लोगों को सुरक्षित पार लगाया।शनिवार सुबह त्रिजुगीनारायण से 3-4 किलोमीटर ऊपर की ओर तोसी गांव में 8 से 10 यात्रियों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद वहां सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ की एक रेस्क्यू टीम रवाना की गई। दूसरी टीम को चीड़वासा में इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी के नेतृत्व रेस्क्यू कार्य में लगाया गया है। एसडीआरएफ की एक अन्य टीम इंस्पेक्टर कर्ण सिंह के साथ सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच यात्रियों को निकालने में जुटी है।